BA Semester-5 Paper-1 Physical Education - Athletic Injuries and Physiotherapy - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2805
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-1 शारीरिक शिक्षा - खेलकूद चोटें एवं कायिक चिकित्सा - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- खेल चोटों के प्रकारों को स्पष्ट करते हुए डिसलोकेशन व स्प्रेन के कारण, लक्षण व उपचार का विस्तृत वर्णन कीजिए।

उत्तर -

खेलों में चोटों के प्रकार - खिलाड़ी की चोटें निम्नलिखित तीन वर्गों में बाँटी जा सकती हैं-

(1) गम्भीर चोटें
(2) ओवरयूज चोटें
(3) आम चोटें

सभी तरह ही चोटों में मुलायम टिशू (पेशियाँ व लिंगामेंट) तथा हड्डियों को चोट पहुँचती है।

(1) गंभीर चोटें - नौजवानों में ये सप्रेन Sprains (लिंगामेंट का थोड़ा या पूरा टूटना ), स्ट्रेन (मांसपेशियों या टेंडन का थोड़ा या पूरा टूटना ) तथा कानट्यूजन तथा फ्रैक्चर शामिल हैं।

(2) ओवरयूज चोटें - सभी चोटें अचानक गिरने व टकराने से नहीं आतीं। अवयस्क शरीर को छोटी चोट भी छोटा फ्रैक्चर या छोटी मांसपेशियों का फटना या हड्डियों में विकृति ओवरयूज चोटें कहलाती हैं। उदाहरणार्थ 'लिटल लीग एलबों शब्दों को आम ओवरयूज चोट दर्शाने के लिए प्रयोग करते हैं जिनमें नौजवान थ्रो करने वाले कई गेमों में प्रयोग करते हैं। अन्य चोटें ऐड़ी तथा घुटनों में होती है जहाँ लेग बोन या हील बोन के साथ जुड़े टेंडन में चोटें आती हैं।

(3) आम चोटें - खेलों की कुछ आम चोटें हैं- स्प्रेन, स्ट्रेन, फ्रैक्चर, डिसलोकेशन, एबरेजन तथा कॉनट्यूजन।

डिसलोकेशन - जब शरीर का कोई हिस्सा नार्मल स्थान से हट जाता है तो उसे डिसलोकेशन कहते हैं। जब हड्डियाँ Dislocate हो जाती हैं तो जोड़ों पर वह ठीक प्रकार से नहीं मिलतीं जिससे दर्द व सूजन होती है।

कई बार हड्डियों की डिसलोकेशन कम होती है। डॉक्टर इसे Subluxation या अपूर्ण डिसलोकेशन कहते हैं। कुछ अन्य केसों में, हड्डियाँ एक-दूसरे से पूरी तरह अलग हो जाती हैं। डॉक्टर कोशिश करके उन्हें पुरानी अवस्था में लाता है। इस प्रक्रिया को कहते हैं डिसलोकेशन कम करना। कुछ डिसलोकेटेड जोड़ अपनी अवस्था में प्राकृतिक रूप से लौट आते हैं तथा मरीज को कोई बाहरी दर्द भी नहीं होता। एक जटिल डिसलोकेशन में त्वचा पर ज़ख्म दिखाई देता है। एक ही जोड़ में बार-बार डिसलोकेशन हो तो डॉक्टर कहते हैं कि यह आदतवश होता है।

डिसलोकेशन के कारण - ये खेल और स्थिति पर निर्भर करते हैं। कुछ कारण यह हैं कि सम्बन्धित अंग पर चोट लगती है। जैसे घुटना, कलाई, कन्धा, टखना आदि। जर्क (झटका ) लेने से डिसलोकेशन हो जाती है। कई बार शक्तिशाली पेशीय सिकुड़न से हो जाती है। फील्ड कोर्ट में Cutting move से होती है, कई खिलाड़ी एक दम दिशा बदल लेते हैं तथा कई जोड़ों को अचानक घुमाते हैं और डिसलोकेशन हो जाती है। कमज़ोर मस्सल अनुकूलन भी डिसलोकेशन का कारण है।

डिसलोकेशन से बचाव - बचाव के कुछ ढंग इस प्रकार हैं-

(1) खिलाड़ी को ओवरआल कताकत विकसित करनी चाहिये। ऐसा लम्बी अवधि के  अनुकूलन कार्यक्रम (जरूरत) के अनुसार) द्वारा सम्भव हैं।

(2) गतिविधि / गेम से पहले पर्याप्त वार्म अप करें।
(3) Contact Sports के दौरान उपयुक्त बचाव उपकरण पहनें।
(4) भागते हुए / ट्रेक इवेन्ट में उबड़-खाबड़ सतहों से बचें।
(5) अपने मांसपेशी की ताकत के अनुसार ही चार उठायें।

स्पेन - स्प्रेन लिगामेंट का अर्थ खिंचाव या टूटना है। लिगामेंट एक कनेक्टिव उत्तेजक का Fibrous Band है जो एक हड्डी के सिरे को दूसरी से जोड़ता है। वे शरीर के जोड़ों को स्थायित्व तथा सहारा देते हैं। जैसे घुटने का लिगामेंट ऊपरी टाँग से जोड़ता है जिससे लोग चल-फिर सकते हैं व दौड़ सकते हैं।

स्प्रेन के कारण - स्प्रेन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष ड्रामा जिसका अर्थ है गिरना या चोंट के कारण होती है जो जोड़ को उसकी जगह से हटा देता है तथा कुछ केसों में सहायता देने वाले लिगामेंट को रेपचर कर देता है। ऐसा तभी होता है जब व्यक्ति खुली हुई बाजुओं से लैण्ड या बेस में स्लाइड करता है या ऊबड़-खाबड़ जगह पर दौड़ता है।

पुराना स्प्रेस्पेन ओवरयूज (Overuse) के कारण होता है। लम्बी अवधि का सघन ट्रेनिंग में पर्याप्त आराम न करना व वोरस्ट्रेच या अधिक पेशीय सिकुड़न के कारण होता है। स्पोर्टपर्सन / एथलीट व आम जनता या चोट सह सकती है। इस चोट का रिस्क उन्हें है जिनकी स्ट्रेन व एप्रेन का हिस्ट्री हो या वे ओवरवेट हों तथा शरीर से दुर्बल हो।

स्प्रेन के लक्षण - स्पेन के निम्न लक्षणों के आधार पर निर्धारित किया जाता है जैसे- दर्द Brusing तथा जलन तीनों प्रकार के स्पेन मध्यम, कम व तीव्र में होता है। व्यक्ति को लगेगा कुछ फट गया है। जब लिगामेंट पूरी तरह से टूटती है या हड्डी से अलग होती है तब बहुत तेज दर्द होता है। लिगामेंट ढीला होने से जोड़ काम करना बन्द कर देता है। कम चोट लगने पर लिंगामेंट आंशिक रूप से टूटते हैं तथा सूजन कम होती है। हल्की चोट पर जोड़ों में ढीलापन नहीं आता।

टखने का स्प्रेन - यह स्प्रेन बहुत अधिक बार होता है। चोट तब लगती जब टखने की हड्डियों को जोड़ने वाली मजबूत लिगामेंट आंशिक रूप से या पूरी तरह स्ट्रेच या पूरी तरह टूट जाते हैं। जिन्हें यह होता है वे कहते हैं कि टखना टूट गया है। दर्द के साथ ही सूजन हो जाती है। यदि जल्दी व ठीक उपचार किया जाय तो स्प्रेन ठीक हो सकता है और खिलाड़ी उपयोगिता/ ट्रेनिंग में कुछ दिनों में भाग ले सकता है। यदि टखनों के स्प्रेन को उपेक्षित कर दिया जाय तो समस्या इतनी बढ़ जायेगी की एथलीट महीनों तथा खेल के मैदान में नहीं लौट पाता।

तीव्रता के आधार पर विशेषज्ञों ने स्प्रेन को तीन वर्गों में वर्गीकृत किया है। first degree के स्प्रेन बहुत अधिक होते हैं। इसमें लिगामेंट (जिसमें Anterior talofibular ligament (ATFL) शामिल है) स्ट्रेच होते हैं परन्तु पूरी तरह फटते नहीं।

दूसरी डिग्री के स्पेन anterior talobular ligament के आंशिक फटने के कारण होते हैं। सूजन ज्यादा होती है, दर्द अधिक होता है तथा ठीक होने में समय लगता है। तीसरी डिग्री में स्पेन में (ATFL) पूरी तरह फटता है।

उपचार - इन तीन तरह के ऐंकल स्प्रेन का इलाज एक जैसा ही है। टखने को इलास्टिक बैंडेज से दबाएँ, बर्फ लगाएं तथा टखने को ऊँचा रखें। जैसे भी आराम मिले एथलीट को क्रचज पर डालें तथा वजन पड़ने दें। एक बार दर्द कम हो जाए तो मजबूती आनी शुरू हो जाती है। यह खुद भी किया जा सकता है या कोच / ट्रेनर या फिजिकल थेरेपिस्ट की सलाह पर भी किया जा सकता है। एक बार शक्ति लौट आये तो एथलीट टखने पर चलना शुरू कर देता है फिर जागिंग करता है और विशेष कटिंग / टिवस्टिंग गतिविधियाँ करता है। यदि टखने को शुरू में कुछ दिनों तक सूजा हुआ रहने दिया जाए तो रिकवर होने का समय लम्बा हो जायेगा।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- खेलों में लगने वाली सामान्य चोटों के विषय में आप क्या जानते हैं?
  2. प्रश्न- खेलों के दौरान चोटों की रोकथाम करने के सामान्य सिद्धान्त क्या हैं?
  3. प्रश्न- खेलों में चोट की अवधारणा से आप क्या समझते हैं?
  4. प्रश्न- खेलों में लगने वाली सामान्यतः चोटों के दो कारणों का उल्लेख कीजिये।
  5. प्रश्न- स्पोर्ट्स फिजियोथेरपी से आप क्या समझते हैं?
  6. प्रश्न- खेल चिकित्सा विज्ञान से आपका क्या अभिप्राय है?
  7. प्रश्न- एथलेटिक चोटों से आपका क्या अभिप्राय है? यह कितने प्रकार की होती हैं?
  8. प्रश्न- ट्रॉमेट्रिक इंजरी से आप क्या समझते हैं? इसके अन्तर्गत कौन-कौन सी चोटें आती हैं?
  9. प्रश्न- अवधि के आधार पर चोटें क्या हैं? यह कितने प्रकार की होती हैं?
  10. प्रश्न- ऐंठन (Cramp) से क्या अभिप्राय है? इसके क्या कारण हैं?
  11. प्रश्न- सनबर्न (Sunburn) से आपका क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख लक्षण और होने वाली समस्याओं का वर्णन कीजिये?
  12. प्रश्न- चोट लगने के क्या लक्षण होते हैं?
  13. प्रश्न- चोट लगने के जोखिम के प्रमुख कारक कौन-से हैं?
  14. प्रश्न- खेल में चोट से क्या तात्पर्य है। इसके विभिन्न भेदों का वर्णन कीजिए।
  15. प्रश्न- खेल चोटों के प्रकारों को स्पष्ट करते हुए डिसलोकेशन व स्प्रेन के कारण, लक्षण व उपचार का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- सामान्य खेल चोटों के उपचार पर टिप्पणी लिखिए।
  17. प्रश्न- खेल में चोटों के प्रकार पर टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- मुख्य खेल चोटें कौन-सी हैं? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- खेल चोटें पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  20. प्रश्न- खेलों में चोटें क्या होती है?
  21. प्रश्न- स्नायुबंधन मोच से आप क्या समझते है? इसके लक्षण व निदान का वर्णन कीजिये?
  22. प्रश्न- मांसपेशिय तनाव से आप क्या समझते हैं? मांसपेशिय तनाव के कारण और निवारण से संक्षिप्त लेख लिखें।
  23. प्रश्न- टेण्डन और लिंगामेन्ट में क्या अन्तर है?
  24. प्रश्न- कन्धे की अकड़न (फ्रोजन शोल्डर) से आपका क्या अभिप्राय है? इसके लक्षणों का वर्गीकरण कीजिये?
  25. प्रश्न- पीठ (पीछे) के तनाव से आप क्या समझते हैं?
  26. प्रश्न- टेनिस एल्बो से आपका क्या अभिप्राय है? टेनिस एल्बो के लक्षण और निदान का संक्षिप्त वर्णन कीजिये।
  27. प्रश्न- गोल्फर की कोहनी क्या है? इसके कारण, लक्षण और निदान पर संक्षिप्त प्रकाश डालिये?
  28. प्रश्न- टेनिस एल्बो और गोल्फर एल्बो में क्या अन्तर है?
  29. प्रश्न- "धावक का घुटना" से आपका क्या अभिप्राय है? इसके लक्षणों और उपचार को समझाइये?
  30. प्रश्न- पिंडलियों में दर्द से आपका क्या अभिप्राय है? इसके कारण व लक्षणों का वर्णन कीजिये?
  31. प्रश्न- फफोले क्या हैं? इनसे बचाव के उपाय बताये?
  32. प्रश्न- छालों से आप क्या समझते हैं? छालों के कारण, लक्षण और बचाव के सामान्य उपायों को समझाइये?
  33. प्रश्न- रक्त गुल्म क्या है? इसके कारण और लक्षणों पर प्रकाश डालिये?
  34. प्रश्न- प्राथमिक सहायता से आपका क्या अभिप्राय है? इसके क्षेत्र व आवश्यक सिद्धान्तों की विवेचना कीजिए।
  35. प्रश्न- प्राथमिक सहायक (चिकित्सक) के कर्त्तव्यों का वर्णन कीजिए।
  36. प्रश्न- प्राथमिक सहायक के गुणों पर विस्तृत टिप्पणी लिखिए।
  37. प्रश्न- एक प्राथमिक सहायता देने वाले के रूप में आप अपने मित्र की निम्न स्थितियों में कैसे सहायता करेंगे? (1) मोच (3) घाव (2) हड्डी का टूटना (अस्थि भंग) (4) सर्प दंश या साँप का काटना।
  38. प्रश्न- रक्त स्त्राव के बाह्य और आंतरिक कारणों पर प्रकाश डालिए। आप इसके लिए प्राथमिक सहायता कैसे देंगे? स्पष्ट कीजिए।
  39. प्रश्न- खिंचाव व मोच से आप क्या समझते हैं? इसकी विस्तृत विवेचना कीजिए।
  40. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सा में उपचार की प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए इनके आवश्यक उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  41. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सा की परिभाषा एवं अर्थ स्पष्ट करते हुए एक अच्छे प्राथमिक चिकित्सक के गुणों का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- 'प्राथमिक चिकित्सा' को परिभाषित कर उसके मुख्य घटकों का उल्लेख कीजिये तथा शारीरिक शिक्षा एवं खेलकूद में प्राथमिक चिकित्सा की अपरिहार्यता पर समालोचनात्मक मत प्रकट कीजिये।
  43. प्रश्न- प्राथमिक उपचार का अर्थ एवं परिभाषा स्पष्ट कीजिए।
  44. प्रश्न- प्राथमिक सहायता से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  45. प्रश्न- प्राथमिक सहायता की आवश्यकता व महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  46. प्रश्न- प्राथमिक सहायता के क्षेत्र का उल्लेख कीजिए।
  47. प्रश्न- अस्थि भंग का उल्लेख कीजिए।
  48. प्रश्न- अस्थि-विस्थापन पर टिप्पणी कीजिए।
  49. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सक के गुणों का वर्णन कीजिए।
  50. प्रश्न- प्राथमिक चिकित्सक की प्राथमिकताएँ स्पष्ट कीजिए।
  51. प्रश्न- हड्डी उतरने पर प्राथमिक चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
  52. प्रश्न- W.H.O. पर टिप्पणी लिखिए।
  53. प्रश्न- आसन से आप क्या समझते हैं? अच्छे आसन की उपयोगिता की विवेचना कीजिए।
  54. प्रश्न- अनुचित आसन के कारणों, प्रभावों एवं हानियों को विस्तार से समझाइये |
  55. प्रश्न- आसन सम्बन्धी विकृतियों से आप क्या समझते हैं? आसन सम्बन्धी विकृतियों के कारण तथा उनके उपचार का वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- लार्डोसिस तथा सपाट पाँव के कारणों का उल्लेख कीजिये तथा इन्हें दूर करने के लिए उपचारात्मक व्यायामों का वर्णन कीजिये।
  57. प्रश्न- उचित आसन के क्या लाभ हैं? स्पष्ट कीजिए।
  58. प्रश्न- उचित आसन एवं अनुचित आसन से आप क्या समझते हैं? अनुचित आसन से हानियाँ स्पष्ट कीजिए।
  59. प्रश्न- अनुचित आसन के प्रमुख कारणों का उल्लेख कीजिए।
  60. प्रश्न- अग्रकुब्जता या धँसी हुई कमर विकृति पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  61. प्रश्न- निम्नलिखित पर टिप्पणियाँ लिखिए
  62. प्रश्न- आसन को समझाते हुए आसनीय विकृतियों के नाम लिखिए।
  63. प्रश्न- पीठ दर्द क्या है? पीठ दर्द क्यों होता है? इसके उपचार को सरल शब्दों में समझाये।
  64. प्रश्न- गर्दन के दर्द से आपका क्या अभिप्राय है? इसके कारण, उपचार और प्रमुख योगासन का वर्णन कीजिये।
  65. प्रश्न- अनुचित मुद्रा से कौन-कौन से विकार उत्पन्न हो जाते हैं?
  66. प्रश्न- अनुचित मुद्राओं को कैसे सुधारें?
  67. प्रश्न- सामान्य मुद्रा में सुधार के उपायों का वर्णन कीजिये?
  68. प्रश्न- अनुचित मुद्रा क्या है? इसके लक्षण बताइये।
  69. प्रश्न- पुनर्वास को परिभाषित करते हुए इसके उद्देश्य एवं क्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  70. प्रश्न- चोट पुनर्वास से आप क्या समझते हैं? विस्तृत विवेचना कीजिए। चोट पुनर्वास की विधियों पर टिप्पणी लिखिए।
  71. प्रश्न- खेल चोट पुनर्वास में ठण्डी चिकित्सा (क्रायोथेरेपी) की तकनीक व प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  72. प्रश्न- आर. आई. सी. ई. से आप क्या समझते है?
  73. प्रश्न- DRABC से आपका क्या तात्पर्य है? इसके चरणों का वर्णन कीजिये?
  74. प्रश्न- शीत चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
  75. प्रश्न- पुनर्वास क्या है? पुनर्वास काउंसिल ऑफ इंडिया का रोल स्पष्ट कीजिए।
  76. प्रश्न- चोट पुनर्वास के लक्ष्य स्पष्ट कीजिए।
  77. प्रश्न- पट्टियों के प्रकार की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  78. प्रश्न- टैपिंग क्या है? इसके उद्देश्य, और सिद्धान्तों का संक्षेप में वर्णन कीजिये।
  79. प्रश्न- इलास्टिक चिकित्सीय टेप क्या है?
  80. प्रश्न- कायिक चिकित्सा' शब्द को परिभाषित कीजिए और इसके सहायक सिद्धान्तों को विस्तार से लिखिए।
  81. प्रश्न- शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र में 'कायिक चिकित्सा' का क्या महत्त्व है?
  82. प्रश्न- कायिक चिकित्सा का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- कायिक चिकित्सा के महत्त्व का वर्णन कीजिए।
  84. प्रश्न- प्रतिरोधी व्यायाम को स्पष्ट करते हुए इसकी तकनीकी का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- मालिश से क्या समझते हैं? मालिश के सामान्य विचारों के बारे में संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- मालिश के प्रकार को दर्शाते हुए किन्हीं चार प्रकारों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  87. प्रश्न- मालिश के प्रभाव से आप क्या समझते हैं? शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ने वाले प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  88. प्रश्न- मालिश के निम्न प्रकारों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए-
  89. प्रश्न- मालिश का परिचय दीजिए।
  90. प्रश्न- मालिश के संक्षिप्त इतिहास का वर्णन कीजिए।
  91. प्रश्न- रगड़ पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- मालिश के रक्त संचरण व पेशी तंत्र पर पड़ने वाले प्रभाव को लिखिए।
  93. प्रश्न- मालिश के सिद्धान्त पर टिप्पणी लिखिए। मालिश के सिद्धान्त क्या हैं?
  94. प्रश्न- मालिश के प्रतिषेध से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।
  95. प्रश्न- खेलों में मालिश पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  96. प्रश्न- जल चिकित्सा का अर्थ एवं इसका उपयोग स्पष्ट कीजिए।
  97. प्रश्न- शीत चिकित्सा या क्रायोथ्रेपी से आप क्या समझते हैं? शीत चिकित्सा की उपचार तकनीक और इलाज में उपयोग एवं प्रभाव की विवेचना कीजिए।
  98. प्रश्न- थर्मोथैरेपी उपचार के परिचय और प्रदर्शन के बारे में लिखिए।
  99. प्रश्न- थर्मोथैरेपी पर टिप्पणी लिखिए।
  100. प्रश्न- सौना स्नान का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- ठंडा और गर्म स्नान पर टिप्पणी लिखिए।
  102. प्रश्न- 'भंवर स्नान' चिकित्सा विधि का उल्लेख कीजिए।
  103. प्रश्न- भाप स्नान से आप क्या समझते हैं? इसके लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- विद्युत चिकित्सा एवं अवरक्त चिकित्सा से आप क्या समझते हैं? इन्फ्रारेड किरणों के साथ चिकित्सा उपचार का वर्णन कीजिए।
  105. प्रश्न- डायथर्मी चिकित्सा से आपका क्या अभिप्राय है? डायधर्मी के प्रकार का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- पराबैंगनी किरणों से आप क्या समझते हैं? परागबैंगनी किरणों के द्वारा उपचार का वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- विद्युत चिकित्सा पर टिप्पणी लिखिए।
  108. प्रश्न- अल्प तरंग डायथर्मी का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- इन्फ्रारेड किरणों का लाभ स्पष्ट कीजिए।
  110. प्रश्न- शार्ट वेव डायथर्मी के उपयोग को स्पष्ट कीजिए।
  111. प्रश्न- उपचारिक व्यायाम के क्षेत्र और वर्गीकरण की विवेचना कीजिए।
  112. प्रश्न- उपचारिक व्यायाम को परिभाषित कीजिए और इसके सिद्धान्तों एवं नियमों की विवेचना कीजिए।
  113. प्रश्न- मांसपेशियों के पुनर्वास और मजबूती के लिये योग आसन के साथ चिकित्सीय महत्व का वर्णन कीजिये।
  114. प्रश्न- योग में पुनर्वास क्या है? समझाइये?
  115. प्रश्न- उपचारिक व्यायाम के विभिन्न उद्देश्यों का वर्णन कीजिए।
  116. प्रश्न- उपचारिक व्यायामों का प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
  117. प्रश्न- प्रतिरोधी व्यायाम से आप क्या समझते हैं? प्रतिरोधी व्यायाम की तकनीक को स्पष्ट कीजिए।
  118. प्रश्न- मुक्त व्यायाम की संक्षिप्त विवेचना कीजिए।
  119. प्रश्न- पुनर्वास क्या है इसकी आवश्यकता किन रोगों में होती है?
  120. प्रश्न- योग हमारे जीवन को किस प्रकार प्रभावित करता है?
  121. प्रश्न- ताड़ासन का संक्षेप में वर्णन कीजिये?
  122. प्रश्न- कुक्कुटासन की विधि और लाभ वर्णन कीजिये।

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